अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस ने कंपनी की संस्कृति को कुशल और सरल बनाने के लिए कई अनोखे उपाय लागू किए हैं। इनमें ‘एम्प्टी चेयर’ नियम, ‘टू पिज्जा’ टीम और पॉवरपॉइंट पर रोक शामिल हैं। ये सभी उपाय ग्राहकों को प्राथमिकता देने और दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर केंद्रित रहने के लिए हैं।
वन एम्प्टी चेयर रूल: ग्राहक का प्रतिनिधित्व
अमेजन की बैठकों में एक कुर्सी हमेशा खाली रखी जाती है, जो ग्राहकों का प्रतिनिधित्व करती है। इसे ‘वन एम्प्टी चेयर रूल’ कहा जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि हर निर्णय लेते समय ग्राहक के हितों को प्राथमिकता दी जाए। यह नियम बेजोस के सिद्धांत ‘ग्राहक सबसे पहले’ को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
टू-पिज़ा रूल: छोटी टीमें, बेहतर संवाद
बेजोस का मानना है कि छोटी टीमें अधिक प्रभावी ढंग से काम करती हैं, इसलिए उन्होंने ‘टू-पिज्जा रूल’ लागू किया है। इसके अनुसार, किसी भी बैठक में ऐसे लोगों को शामिल होना चाहिए, जिन्हें दो पिज्जा खिलाए जा सकें, यानी लगभग छह से आठ लोग। इससे संवाद और निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुधार होता है।
पावरपॉइंट पर रोक: नैरेटिव मेमो की शक्ति
बेजोस की बैठकों में पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के उपयोग पर रोक है। प्रतिभागियों को ‘नैरेटिव मेमो’ लिखकर लाना होता है, जिसमें वे विस्तार से अपने विचार रखते हैं। यह तरीका चर्चा के विषय को स्पष्ट और संगठित तरीके से प्रस्तुत करने में मदद करता है। बैठक के शुरू होने से पहले सभी को कुछ समय तक मौन रहकर दस्तावेज पढ़ने का अवसर मिलता है, जिसे ‘साइलेंट स्टार्ट’ कहा जाता है।
दूरदर्शी सोच की पहचान
इन नियमों का उद्देश्य अमेजन में एक ऐसी कार्य संस्कृति का निर्माण करना है जो दक्षता, सरलता और ग्राहक संतोष को सर्वोपरि मानती है। ये सभी उपाय मिलकर अमेजन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और बेजोस की दूरदर्शी सोच को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। बेजोस न केवल एक सफल उद्यमी हैं, बल्कि एक कुशल प्रबंधक भी हैं, जो जानते हैं कि किसी कंपनी की सफलता उसके कर्मचारियों और कार्य संस्कृति पर निर्भर करती है।
तुलेश सिन्हा खैरागढ़ टाइम्स न्यूज़ पोर्टल के संपादक एवं चीफ एडिटर हैं, जो छत्तीसगढ़ की ताज़ा खबरों और महत्वपूर्ण घटनाओं पर समाचार प्रदान करते हैं।