Mpox (पूर्व में मंकीपॉक्स) के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने Mpox की पहली वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। यह वैक्सीन 82 प्रतिशत तक प्रभावी मानी जा रही है, जिससे इस वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी।
वैक्सीन को मंजूरी मिलते ही इसे वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल करने की तैयारी शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इससे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों और कमजोर जनसंख्या में Mpox के मामलों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
क्यों है महत्वपूर्ण?
Mpox एक दुर्लभ लेकिन गंभीर संक्रमण है, जिसका फैलाव मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों या व्यक्तियों से होता है। WHO द्वारा वैक्सीन को मंजूरी मिलने से इससे प्रभावित देशों में मामलों की संख्या को कम करने में बड़ी मदद मिलेगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस वैक्सीन के इस्तेमाल से न केवल संक्रमण को रोका जा सकेगा, बल्कि इससे जुड़ी मृत्यु दर को भी कम किया जा सकेगा।
वैक्सीन की प्रभावशीलता
WHO द्वारा प्रमाणित यह वैक्सीन 82 प्रतिशत तक प्रभावी है, जो इसे अन्य वैक्सीनों के मुकाबले अधिक सुरक्षित और असरदार बनाता है। इसकी मंजूरी से महामारी के नियंत्रण और रोकथाम में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
वैज्ञानिकों और चिकित्सा समुदाय के बीच यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस वैक्सीन के उपयोग से Mpox पर नियंत्रण पाया जा सकेगा और भविष्य में इसके प्रसार को पूरी तरह से रोकने में मदद मिलेगी।
तुलेश सिन्हा खैरागढ़ टाइम्स न्यूज़ पोर्टल के संपादक एवं चीफ एडिटर हैं, जो छत्तीसगढ़ की ताज़ा खबरों और महत्वपूर्ण घटनाओं पर समाचार प्रदान करते हैं।